Hanuman Jayanti 2021: कब है हनुमान जयंती, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

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Hanuman Jayanti 2021: कब है हनुमान जयंती, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

 

हनुमान जयंती पर कैसे करें बजरंगबली को प्रसन्न, हमारे ग्रहों और वास्तु के अनुसार कौन सी दिशा, को ठीक करने से आपको विध्या, बल, बुद्धि, धन की प्राप्ति होगी यह भी आपको मैं इस वीडियो मे बताऊंगा, विवाह और मंगल को भी समझ लें, शुभ मुहूर्त भी जानिए, कैसे करें हनुमान जी की पूजा? हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त, स्वास्थ्य की समस्याओं से मुक्ति के लिए क्या करें? आर्थिक लाभ और कर्ज मुक्ति का उपाय -

हनुमान जी के बारे मे जान लेते हैं:-

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहूं लोक उजागर अर्थात जिनके पास सभी प्रकार का ज्ञान है कि किसकी देखभाल कैसे करनी है, स्वयं को कैसे समझना है, ईश्वर की प्राप्ति कैसे हो सकती है, हम कैसे श्रेष्ठ बन सकते हैं, हम प्रकृति और पुरुष के रहस्य को समझकर कैसे भगवदधाम को जा सकते हैं ऐसे बहुत गहरे ज्ञान के मालिक हैं हनुमान जी जिनकी हम प्रार्थना करते हैं ।

सभी प्रकार का मंगल करने वाले और अमंगल को शांत करने वाले हैं हनुमान जी, अंधकार, भय, अशांति, अव्यवस्था, अन्याय को समाप्त करके ईश्वरीय प्रकाश अर्थात Self enlighten, शांति, प्रेम, सम्पूर्ण न्याय व्यवस्था को स्थापित करने वाले हैं।

हनुमान जी की पूजा करने से आपको शिक्षा, विवाह, संतान सुख, व्यापार का सुख, नौकरी मे पद प्रतिष्ठा का बढना, राजनीति मे सफलता आदि सब कुछ मिल सकता है।

कोर्ट-कचहरी के मामलों मे जीत हासिल करनी है तो भी आप हनुमान जयंती पर विशेष पूजा करना न भूलें।

हनुमान जी का जन्म हमारे सनातन धर्म कलेंडर के अनुसार चैत्र माह की शुक्ल पक्ष मे पुर्णिमा अर्थात जिस रात चंद्र देव पूरे निकलते हैं उस समय हुआ था।

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इस साल हनुमान जयंती 27 अप्रैल को है, तो इस दिन भगवान हनुमान जी की पूजा उपासना करने का विशेष प्रावधान है, आप इस दिन भगवान की पूजा करके अपनी जन्म कुंडली मे मंगल के कु-प्रभाव को ठीक कर सकते हैं, जिससे आपको सुख की प्राप्ति हो सकती है।

घर मे कोई भी मंगल कार्य के समय बहुत क्लेश, झगड़ा, समस्या, खड़ी हो जाती हो तो आपको मंगल को ठीक कर लेना चाहिए।

विवाह निर्विघ्न पूरा न होता हो, या विवाह के पहले कोई अशुभ घटना घट जाती हो तो भी आपको मंगल ग्रह को ठीक करना चाहिए।

घर मे जन्मदिन मनाया हो और कोई समस्या आ गई हो तो भी मंगल ग्रह के ही उपाय करने चाहिए।

हमारे ग्रहों और वास्तु के अनुसार कौन सी दिशा, को ठीक करने से आपको विध्या, बल, बुद्धि, धन की प्राप्ति होगी

जन्म कुंडली का पहला भाव जिसे लगन कहते हैं यह सिर का स्थान होता है, क्योंकि जब कोई जातक जन्म लेता है तो पहले उसका सिर बाहर आता है, और यहाँ पर मंगल का स्थान  होता है और हर जातक का सिर पूरे शरीर का मुख्यालय होता है, यहीं से जातक की मानसिकता का पता चलता है कि यह कैसे स्वभाव को धारण करने वाला है, तो  यदि यह भाव मजबूत और सुख देने, मन को जीतने वाली स्थिति का होता है तो वह जातक सभी को बहुत प्रिय होता है।

हमारे घर की पूर्व दिशा और जन्म कुंडली के पहले भाव का संबंध माना जाता है, तो जब किसी बच्चे या बच्ची का रिश्ता होना होता है तो यदि रिश्ते नहीं आते हैं तो पूर्व दिशा को ही ठीक करना होता है, मंगल को अच्छा करना होता है, और कोई बच्चा या बच्ची एक दूसरे को पहले दिमाग से निर्णय लेकर ही निर्धारित किया जाता है कि यह पसंद है या नहीं है।

विवाह और मंगल को भी समझ लें।

मंगल खून है, ताकत है, आपको सुरक्षा देने वाला होता है, खून मे जो गर्मी है वो सूर्य और मंगल से ही है, और जब समाज को आगे बढ़ाने की बात आती है और सामाजिक मर्यादा का ध्यान रखकर आगे बढ़ाना होता है तब मंगल और सूर्य को पहले समझना होता है,

इसके बाद जैसे मैंने आपको ऊपर पहले बताया था जन्म कुंडली के पहले भाव का अधिकार सिर पर होता है उसी प्रकार से जन्म कुंडली के आठवें भाव का संबंध हमारे reproductive organ पर होता है,  और यहाँ पर भी मंगल का प्रभाव होता है और यहाँ के मंगल देव आपके लिए जीवन के रहस्य को जिससे जीवन की उत्पत्ति होती है उसका अधिकार सुरक्षित करते हैं ठीक उसी प्रकार से जैसे यदि कोई अपनी सीमा को पार करके दूसरे के अधिकार क्षेत्र मे जाता है तो गुप्त रूप से उसको ढूंढा जाता है और उसको ठीक करता है, इसीलिए मंगल को तकलीफ मे, या दर्द मे राहत देने वाला भी कहा जाता है।

विवाह से मंगल का संबंध भी इसीलिए है, क्योंकि प्रजनन प्रक्रिया को बिना मंगल की सहायता के आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।

इसीलिए जिनकी जन्म कुंडली मे मंगल देव अच्छा फल नहीं रहे हों वो हनुमान जयंती पर मंगल की पूजा करवाएँ, और स्वयं भी मंगल देव को अच्छा करने के उपाय करें, यदि आपके ऊपर मंगल की महादशा, अंतरदशा चल रही है तो आप इस हनुमान जयंती पर मंगल देव को खुश जरूर करें।

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यदि आपकी जन्म कुंडली मे मंगल देव, केतू, राहू, शनि के साथ युति मे हैं तो भी आप इस हनुमान जयंती पर हनुमान जी को खुश जरूर करें।

             

कैसे करें हनुमान जी की पूजा?

- हनुमान जी की पूजा हमेशा अभिजित मुहूर्त में ही करें

- दक्षिण-पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा रखें.

- हनुमान जी के साथ श्री राम जी के चित्र की स्थापना करें.

- हनुमान जी को लाल और राम जी को लाल फूल अर्पित करें।

- लड्डुओं के साथ साथ तुलसी दल भी अर्पित करें.

- पहले श्री राम के मंत्र "ॐ राम रामाय नमः" का जाप करें.

- फिर हनुमान जी के मंत्र "ॐ हं हनुमते नमः" का जाप करें।

हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त

Hanuman Jayanti ka shubh muhurt:-

हनुमान जयंती की तिथि: 27 अप्रैल 2021

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12.44 दोपहर

पूर्णिमा तिथि समापन की तारीख:- 09.01 27 अप्रैल 21 तक है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति के लिए ये करें

- लाल रंग के सूती वस्त्र धारण करें. यदि नए ले सकें तो बहुत अच्छी बात है अन्यथा धुले प्रेस किए हुये पहन लें।

- सबसे पहले भगवान गणेश जी का ध्यान करें

- अब हनुमान जी को सच्चे मन से ध्यान करके उन्हे सिन्दूर, लाल फूल और मिठाई अर्पित करें.

- इसके बाद हनुमान जी के समक्ष हनुमान बाहुक का पाठ करें, और स्वास्थ्य की बेहतरी की प्रार्थना करें.

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आर्थिक लाभ तथा  कर्ज मुक्ति के उपाय भी कर सकते है -

- हनुमान जी के सामने शुद्ध चमेली के तेल का दीपक जलाएं.

- हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं.

- इसके बाद हनुमान चालीसा का 11 से 21 बार पाठ करें.

- संभव हो तो इस दिन मीठी चीज़ों का दान भी करें.

 

जन्म कुंडली मे मंगल दोष से मुक्ति का उपाय-

- हनुमान जी का सम्पूर्ण श्रृंगार करवाएं.

- चांदी के वर्क का प्रयोग न करें.

- हनुमान जी को रेशम का एक लाल धागा भी अर्पित करें.

- इसके बाद मंगल के मंत्र "ओम क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" का जाप करें.

घर के दक्षिण-पूर्व मे मंगल यंत्र की स्थापना करें (100% original copper gold Plated Yantra )

- गले मे धारण करने वाला मंगल यंत्र भी आप धारण कर सकते है या आप लाल धागे को गले में धारण कर लें। (100% original copper gold Plated Yantra )

हनुमान जयंती पर सावधानियाँ-

इस दिन आपको काले –नीले रंग के कपड़ों से परहेज रखना होता है।

तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

भाई, मित्र, रिशतेदारों, पड़ोसी से हमेशा सद्भभाव और सौहार्द बनाकर चलें।

आज के दिन आपको भूखे लोगो को भरपेट खाना जरूर खिलाना चाहिए।

मंगल का अधिकार है सुरक्षा, खोज बीन करना तो आप अपनी समझ, अधिकार और ताकत का प्रयोग सही जगह लगाएँ।

ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म सूर्य उदय के समय हुआ था, इसीलिए हनुमान जयंती के दिन मंदिरों मे प्रातः ब्रम्हामुहूर्त मे ही आध्यात्मिक प्रवचनों के आयोजन किया जाता है, और यह आयोजन सूर्य अस्त के साथ ही समापन कर दिया जाता है। hanuman jayanti 2021 date, hanuman jayanti 2021 date in india

।। जय श्री राम ।।

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